शुक्रवार, 31 मार्च 2017

माँ है, माँ नहीं है!



शैलेश कुमार


मेरे पास माँ है. नहीं, मेरे पास माँ नहीं है. ओह, ये मैं क्या बोल रहा हूँ. है तो मेरे पास माँ. सच में मैं पागल हो गया हूँ. कहाँ है माँ?
अक्सर मैं खुद से बातें करता हूँ. imagesमाँ के बारे में. जो है भी और शायद नहीं भी. न तो होने का मेरे पास कोई प्रमाण है और न ही न होने का. या फिर वह कभी है और कभी नहीं है. नहीं समझ आता मुझको. कुछ समझ नहीं पाता मैं. क्यों इतना कन्फ्यूज हूँ मैं? पागल हूँ? बेवकूफ हूँ? बदमाश हूँ? हताश हूँ? आखिर क्या हूँ मैं? लो अब यह भी मुझे नहीं मालूम.
फिर मालूम क्या है मुझे? माँ की खबर नहीं. माँ है, नहीं है, कुछ पता नहीं. फिर भी दिल पूछता है माँ के बारे में. तब पूछता है, जब दूसरे अपनी माँ के बारे में बताते हैं. तब पूछता है, जब मेरी आँखें किसी बच्चे को उसकी माँ के साथ देखती हैं. तब पूछता है, जब मदर्स डे के दिन सभी अपनी माँ को विश करते हैं. तब पूछता है, जब कोई अपनी माँ के लिए रोता है.
पर मैं क्यों ये सोच रहा? माँ तो है न मेरी! अरे नहीं, माँ कहाँ है? ओह फिर से वही सवाल. फिर से वही द्वंद्व. माँ है, नहीं है. न-न. होगी जरूर. तभी तो जुबाँ पे माँ का नाम आता है. तभी तो ये अंगुलियां माँ लिख पाती हैं. तभी तो किसी की माँ को देख ये दिल माँ-माँ बोलता है. तभी तो बस से जाते बच्चे को बाय करती माँ को देख ये दिल प्यार से मुस्कुराता है. माँ है, तभी तो ये दिल किसी माँ को अपने बच्चे को प्यार करते देख रोता है. तभी तो एक बार माँ को गोद में सोने को तरसता है.
हाँ है माँ मेरी. पर कहाँ है? कहीं सच में तो नहीं है? ये क्या बोल रहा हूँ मैं? माँ है भाई. मेरी ही है. सिर्फ मेरी है. जन्म दी है. पलना भूल गयी बस. याद करती है. बस बात नहीं करती. देखा, कहा था न कि माँ है मेरी. पर कैसे है माँ? पास नहीं. कभी बात नहीं. फिर कैसे माँ?
फिर भी है माँ. हाँ है माँ. दूर ही सही, पर है माँ. प्यार अनमोल उसका. ममता अनमोल उसकी. खुद न कहलाई मेरी माँ. फिर भी है माँ. वाह, सच में है मेरी माँ? हाँ है न माँ. कई हैं मेरी माँ. हर जगह मिली माँ. पर सबमें मिली वही माँ. मेरी माँ.
नारी की पहचान माँ. ममता की सूरत माँ. मेरी माँ. तेरा मैं ऋणी माँ. अब होश नहीं माँ. प्यार का तेरे भूखा मैं माँ. बहुत बड़ा हुआ मैं माँ. पर तेरे लिए तो अब भी मुन्ना ही माँ. बोल न, तू है न माँ? कहाँ है माँ? अरे नहीं है माँ. न-न, है तो माँ! ओ माँ, माँ, माँ...