बुधवार, 22 अक्टूबर 2008

मेरे जन्मदिन की वो शाम

शैलेश कुमार

२२ अगस्त की उस शाम को भुलाना काफी मुश्किल होगा मेरे लिए। वो मेरे २१वे जन्मदिन की शाम थी। लेकिन मेरे सर पे उस दिन सबसे बड़ा बोझ अपने कॉलेज में न्यूज़ बुलेटिन को एडिट कर पूरी तरह से तैयार करना था। मेरे ग्रुप में पाँच लोग मिलकर काम कर रहे थे। दूसरे दिन न्यूज़ बुलेटिन को अपने एच ओ डी को दिखने की अंतिम तिथि थी। अन्यथा हमारा हाथ से वह अवसर निकल जाता।
हमारे ग्रुप का एक सदस्य तो काफी दिनों से कश्मीर में फंसे होने की वजह उपस्थित नही था। चार लोग ही मिलकर काम कर रहे थे। पर उस दिन ग्रुप के बाकी तीनो सदस्यों को काफी जरुरी काम आन पड़ा था तो उन्हें जन पड़ा। अब शाम के पाँच बज चुके थे। मैं अपने कॉलेज के स्टूडियो में अकेला बचा था। एडिटिंग शुरू की। काफी मशक्कत करनी पड़ी। दोस्तों के बधाई संदेश भी लगातार आ रहे थे। पर जबाब देने के लिए भी समय नही था मेरे पास उस समय। मैंने लगातार कोशिश जारी राखी। एडिटिंग चलती रही। अंततः रात पौने आठ बजे के आसपास मेरी एडिटिंग पूरी हो गई और न्यूज़ बुलेटिन बनकर तैयार हो गई। उस समय जो मेरे चेहरे पर खुसी झलक थी वह देखने लायक थी। मेरे साथ स्टूडियो में वह की देखरेख करने वाले रवि सर ने लगातार धीरज रख स्टूडियो में ही मेरे काम के ख़त्म होने का इंतज़ार करते रहे। इसके लिए मैं उनका आभारी रहूँगा।
उस दिन रात में मेरे ही ग्रुप के सदस्यों ने मेरा साथ न देने पर संदेश भेजकर खेद जताया। पर मुझे इसका कोई अफ़सोस नही था क्योंकि उनका काम भी बहुत ज्यादा जरुरी था। मेरी दोस्त नूतन ने रत में मोबाइल से संदेश भेजकर मुझे एडिटिंग को सफलतापूर्वक पूरा करने की लिए बधाई दी और जन्मदिन की एक बार पुनः सुभकामनाएँ दी। मुझे बड़ा अच्छा लगा।
अगले दिन न्यूज़ बुलेटिन को पूरी कक्षा में दिखाया गया। मेरे एच ओ डी काफी प्रसन्ना हुए और थोडी हिदायत देकर उसे और अच्छा बनने को कह गए।
शायद जन्मदिन मानाने का वह सबसे अच्छा तरीका था। इतनी अच्छी तरह से आज तक मैंने अपना जन्मदिन नही मनाया था। उस दिन जो मान में काम करने की ललक थी, एक जूनून था, मैं चाहता हूँ की वह जूनून हमेशा जिन्दा रहे।
मेरा मिशन जौर्नालिस्म अभी भी काफी दूर है। पर मुझे पूरा विश्वाश है की अगर इसी प्रकार की ललक भगवान् की कृपा से मेरे अंदर जिन्दा रही तो शायद इस मिशन को पूरा होने में ज्यादा समय नही लगेगा। आशा करता हूँ की अगले वर्ष जब मैं अपना जन्मदिन मनाऊँ तो उस समय मैं अपने पसंदीदा न्यूज़ चैनल में रिपोर्टिंग और एडिटिंग करता रहूँ।

2 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

Hi buddy!!! I will pray god that you should succeed in goal and achieve a great name in the society...all the best

Unknown ने कहा…

Meri shubhkaamnayen tumhare saath hain mere bhai...